Posts

Showing posts from March, 2018

अनजाने में गलती का एक एहसास।।

जी हाँ दोस्तो                  आज मैं एक ऐसी कहानी लिख रहा हूँ जिसको पढ़ने के बाद आपको आंसू निकल आएगा और ए कहानी हमे उन गलतियों से बचाएगा जो हमसे भी अनजाने में हो जाती है। जिसे बाद में हम  sorry बोल कर  अपनी गलतियों को ढ़कने का काम करते हैं। मैं जिस रास्ते अपने काम पर जाता था उसी रास्ते मे एक  घर से   किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दिया तो मेरा पैर रुक गया ।उस बच्चे के अवाज में इतना दर्द था कि मैं अंदर  जाकर बच्चा क्यो रो रहा है? ये मालूम करने के लिए खुद को रोक नही सका उस घर में देखा तो एक औरत अपने 10 साल के बच्चे को मार रही थी, और खुद भी रो रही थी तो मैंने पूछा कि बहन जी इतने से छोटे बच्चे को क्यो मार रहे हो?और खुद भी रोये जा रहे हो। छोटा बच्चा है  सम्भल जाएगा उसने मुझे बोला भाईसाहब आपको पता नही मैं कितनी मेहनत कर के दुसरो के घर का झाड़ू पोछा तथा जूठा बर्तन धो कर  दो  पैसे कमाकर  लाती हूँ ।और ए कभी भी स्कूल समय पर  नही जाता और नही समय पर घर आता,अपने सारे कपड़े पता नही कहा खेल -कूद   कर गन्दे कर लेता है।पढ़ाई के तरफ इसका ध्यान ही नही है ।स्कूल से भी कई बार शिकायत आ गया ।इसके टीचर भी

दयावान,निष्पाप और निर्बिरोधी बने और बनाये।

जी       हा दोस्तो आज मैं इन्ही तीनो बातो को अपने जीवन मे शामिल करने के लिए ये ब्लॉग के माध्यम से पोस्ट कर रहा हु। मुझे आशा और पूर्ण बिस्वास है कि आप इसे पूरा पढेंगे और अपना या अपनो के  जीवन को बदलने में आप हमारा सहयोग जरूर करेंगे। दोस्तो आजकल पैसे के पीछे सबलोग भाग रहे हैं  ज रा आप और हम सब मिलकर इस बात पर बिचार  करे कि आखिर पैसा हमारे लिए बना है  हम पैसे के लिए नही बने है। कुछ लोग रुपया- पैसो  की चाहत में इतना तक गिर जाते है कि ये तीन बाते जो ऊपर लिखा है उनके मन की गैलरी  में रहता ही नही। और अगर कोई गलती से भी इन बातों को उनके मन के गैलरी में डालने की कोसिस करे तो उनका मन ऐसे कम मेमोरी वाला मोबाइल की तरह हैंग होना चालू  हो जाता है । और समझाने वाले ब्यक्ति पर ही वो अपना क्रोध दिखाने का काम करने लगता है । संत कबीर के दोहे के माध्यम से  हम सबने पढ़ा है कि:- मूर्ख  को  समझावते  ज्ञान   गांठ       से जाय। कोयला होय ना उजला चाहे सौ मन साबुन खाय। संत कबीर ने सही कहा है परंतु कुछ लोग समझाने वालो की कमी से भी मूर्ख बना रहता है उसको सही मार्गदर्शन की जरूरत है। इसलिए दोस्त आज दुनिया ब

Whatsapp misused कभी न करे

दोस्तो                 Wh atsapp or soc ial me dia एक बहुत बड़ा B rand  है ये आपका भी    personality का  Brand  maker और Brand killer भी हो स कता है! आप अपने बारे में क्या सोचते है वह ब्रांड नही है। पब्लिक आपके बारे में क्या सोचती हैं वह ब्रांड है।। आज मैं इस विषय पर अपने ब्लॉग के माध्यम से आपको Whatsapp  द्वारा अपना  Brand कैसे  बनाये इसके   लिए कुछ हकीकत बाते है जो आपसे share कर रहा हूँ जिससे आप अपने या अपनो को Whatsapp misused  करने से रोक सकते हैं। पहले मैं आपको ये बताना चाहता हूँ कि कोई भी  आदमी  Enjoyment  के लिए  whatsapp या social media का इस्तेमाल करता है तो ज्यादा से ज्यादा 15 या 20 मिनट तक ही होना चाहिए।इससे ज्यादा अगर आप इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ सीखने के लिए कर सकते हैं। क्यो की Wh atsapp एक Brand maker भी है और Brand killer भी  रास्ता आपको चुनना होगा। आइये मैं आपको कुछ आसानी से समझने लिए जो समस्या आज कल चल  रहा हैं उसी पर मैं चर्चा कर  के समझने और समझाने की कोसिस करता हूं - दो ऐसे ब्य क्ति को ले लीजिए जो Whatsapp  चलाना सुरु कर दिया  पहला  ब्य क्ति :- क

To change the direction of your life only tear 100 rupees

सही पढ़ा आपने जीवन की दिशा बदलने के लिए केवल 100 रुपया ही बहुत हैं। समस्याएं इतनी ताकतवर नही होती जितना हम मान लेते है कभी आपने सुना है "कि अंधेरों ने  सुबह ही नही होने दी  हो" मान लीजिए आपको सुबह में 4 बजे जगने की समस्या है आपके बहुत कोसिस करने पर भी आप जग नही पाते है आपका बिस्तर छोड़ने का मन ही नही करता है और फिर आप का रोज का जो 2 घण्टा समय नुकसान हो रहा है  जो महीने में 30×2 =60 घण्टा यानी साल में 60×12= 722, 722 ÷24 घण्टा यानी 1 दिन = लगभग 30 दिन यानी पूरे 1 महीना का आपका नुकसान हो रहा है। मै अपने ब्लाग के माध्यम से इस समस्या के छुटकारा पाने के लिए  एक टिप्स बता रहा हु। आप रात को सोते समय  एक दस रुपए का नोट अपने तकिये के नीचे रख लीजिए , अब आप ये सोचकर सो जाइये की मुझे सुबह 4 बजे जगना है। लेकिन आपकी आदत तो सुबह सोने की पड़ी है आप जगते तो है लेकिन बिस्तर छोड़ नही पाते हैं तो कोई बात नही जब भी आप बिस्तर छोड़े तो सबसे पहले बिना कुछ सोचें समझे तकिया के नीचे से दस रुपए का नोट लेना उसे फाड़ देना । वो भी चुप- चाप बिना किसी को बताए । ये self punishment होता है( खुद को सजा देना)