अनजाने में गलती का एक एहसास।।
जी हाँ दोस्तो आज मैं एक ऐसी कहानी लिख रहा हूँ जिसको पढ़ने के बाद आपको आंसू निकल आएगा और ए कहानी हमे उन गलतियों से बचाएगा जो हमसे भी अनजाने में हो जाती है। जिसे बाद में हम sorry बोल कर अपनी गलतियों को ढ़कने का काम करते हैं। मैं जिस रास्ते अपने काम पर जाता था उसी रास्ते मे एक घर से किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दिया तो मेरा पैर रुक गया ।उस बच्चे के अवाज में इतना दर्द था कि मैं अंदर जाकर बच्चा क्यो रो रहा है? ये मालूम करने के लिए खुद को रोक नही सका उस घर में देखा तो एक औरत अपने 10 साल के बच्चे को मार रही थी, और खुद भी रो रही थी तो मैंने पूछा कि बहन जी इतने से छोटे बच्चे को क्यो मार रहे हो?और खुद भी रोये जा रहे हो। छोटा बच्चा है सम्भल जाएगा उसने मुझे बोला भाईसाहब आपको पता नही मैं कितनी मेहनत कर के दुसरो के घर का झाड़ू पोछा तथा जूठा बर्तन धो कर दो पैसे कमाकर लाती हूँ ।और ए कभी भी स्कूल समय पर नही जाता और नही समय पर घर आता,अपने सारे कपड़े पता नही कहा खेल -कूद कर गन्दे कर लेता है।पढ़ाई के तरफ इसका ध्यान ही नही है ।स्कूल से भी कई बार शिकायत आ गया ।इसके टीचर भी