लड़का कैसे पैदा हो...

हर कोई  अपनी परिवारिक जीवन मे ,शादी के बाद । बस मुझे या मेरे घर मे  एक लड़का पैदा  हो जाता,यही सोचता है।
मैंने भी सोचा था, शायद आपने भी सोचा होगा।
और जिन लोगो की अभी-अभी शादी हुई है,वो लोग भी आज या कल में सोचने लगेंगे।ये मेरा अनुमान है।
दोस्तो
आजकल लोग  google पर  भी .......

पता करने के लिए आने लगे हैं,
की लड़का कैसे पैदा हो।
इसलिए मैं उनको धन्यबाद करता हूँ । लेकिन एक बात जरूर  है यहाँ आने पर कूछ न कुछ जानकारी अवश्य मिलेगा।
पहले के जमाने मे जब कोई बात की जानकारी लेना होता था तो गांव में बड़े बुजुर्ग के पास जाया करते थे,ताकि  उनको सही जानकारी मिले।उस समय बुजुर्ग हमारे मार्ग दर्शन के देवता थे।

आज के समय मे google हमारे उन बुजुर्ग देवताओं की कमी को पूरा कर रहा है।
चाहे कोई भी जानकारी क्यो न हो हम google  का सहारा लें तो हमे मार्गदर्शन मिल जाता है।

दोस्तो मैंने सोचा कि क्यो न एक ऐसा कहानी लिखू  जो  आप google पर या ब्लॉग के जरिये जब search करें तो आप इस कहानी को पढ़ें।जीससे आपको एक प्रेणादायक परिणाम मिले।
जी हाँ;-
हमारे समाज मे  जिसके घर भी लड़की की जन्म हो जाय।मानो की उसके ऊपर बहुत बड़ी बोझ आ गयी  हो इस तरह सोचकर वो लोग निराश हो जाते हैं।मिठाई तो दूर की बात है।उनको अपने मुह से बोलने में भी शर्म आता है कि मेरे को या मेरे  घर मे लड़की पैदा  हुई है। कितना गिरता जा रहा है हमारी ये मन कि विचारधारा।अगर लड़का पैदा हो गया तो समझ लो कि उनके खुसी का ठिकाना नही होता।खूब हँसते है ,सबसे बोलते हैं कि मेरे घर या मुझे लड़का  पैदा हुआ है।और तो और  लड़का का  तुरंत ही फ़ोटो खीचते है और Facebook& Whatsapp के जरिये सभी लोगो को share करने  लगते हैं।
मुझे भी बहुत खुशी होती है कि भगवान ऐसी खुशी सबके घर मे दे।

लेकिन लड़की पैदा होने पर ये खुशी कहा चली जाती है।
यही सवाल है ,जो झकझोर कर रख देती है समाज को।

          लड़का का क्यों  मांग है जग में ;
             लड़की का क्यों मांग नही।
          मुझे   बताओ   इसे  पढ़ने वाले ,
              लड़की  क्या  इंसान  नही।।

My dear friends
आज मैं आपसे एक ऐसे ब्यक्ति की भावना को आपके समक्ष रख रहा हूँ।जो समाज के लिए एक प्रेणादायक है।
मैं जिस कंपनी में काम करता हूँ उस कंपनी में मेरा एक दोस्त है ,जो एक मजदूर यूनियन का प्रतिनिधि है।उनका नाम महिपाल यादव है। जब उनको  लड़की  पैदा हुई ।तब  वो बिना फर्क किये की लड़का है या लड़की बहुत खुश होकर अपने सभी दोस्तों को पार्टी दिए तथा Facebook & social media पर share कर के अपनी खुशी का हम सबको अनुभव कराया।उनकी ये भावना से प्रेणना लेते हुए।
मैं सोचा की क्यो न हम अपने साथियों से ये बात अपने ब्लॉग के माध्यम से Share  करू।
मैं उनको, नमस्कार करता हूँ जो लड़की के जन्म पर भी खुश होकर सबके साथ खुसिहाली मनाते हैं।बार बार मनाते हैं ।उनको मेरा नमस्कार है।वो कभी नही घबराते हैं,चाहे उनको एक लड़की हो या अनेक ,,कोई फर्क नही पड़ता।

दोस्तो इस  बात को अच्छी तरह समझने के लिए मैं आपके लिए एक कहानी को लीख रहा हूँ।मुझे उम्मीद है कि आपको समझ मे आ जायेगा।

किसी गाँव मे एक गरीब ब्राह्मण रहते  थे। रोज अपना घर भिक्षा मांगकर ही चलाते थे।वो जिस मंदिर के सामने भिक्षा मांगते थे ,उस मंदिर पर एक छोटी सी बच्ची भी भिक्षा मांग कर अपना पेट  भरती थी।जब ब्राह्मण देवता को उस  बच्ची पर नजर पड़ी तो देखकर हैरान हो गए।और वहाँ पर बैठे कुछ भिखारियों से पूछे'  तो उन सबने बताया कि कुछ दिन पहले; दो पति-पत्नी इसे यहा छोड़ गए।जब से ए बच्ची यही पर मांग-मांग के खाने लगी।ब्राह्मण ने घर जा कर सब बात अपनी पत्नी से बताया।उनकी पत्नी ने कहा कि कल जब आप घर आना तो उस बच्ची को लेते आना।ब्राह्मण पहले  तो घबराये;क्यो की उनके घर पहले ही छः लडकिया जन्म ले चुकी थी।
फिर भी ब्राह्मण को भगवान पर भरोसा था।अगले दिन उस बच्ची को  अपने साथ घर लाये।
दोस्तो
जब कोई घर आता है तो अपना नशीब भी अपने  साथ ले कर आता है।

उसके अगले दिन जब ब्राह्मण भिक्षा के लिए गये तो पहले से  ज्यादा भिक्षा मिला। उस दिन ब्राह्मण जल्दी से घर आ गया।ब्राह्मण के जल्दी घर लौटने पर  ब्राह्मण ने देखा कि उसकी पत्नी ने बहुत सारे खाने का समान बनाया है।ब्राह्मण  ये सब देखकर बहुत हैरान था।की ये हो क्या रहा है ?पहले तो ऐसा कभी नही हुआ।
जरूर ही मेरे इस सातवी लड़की का नसीब है।इसके घर मे आते ही सब कुछ बदल रहा है।
और ऐसे ही कुछ दिनों के बाद एक-एक करके ब्राह्मण की सारी समस्याएं खत्म होने लगी ।और एक दिन ऐसा आया कि  अब वह ब्राह्मण  बहुत अमीर आदमी बन गया।
ये कहानी लंबी है इसलिए इसे हम अगले ब्लॉग भिखारी से अमीर बनने तक के सफर में
पूरा करूंगा।

आखिरी  के लड़की उनके घर माँ लक्ष्मी के रूप में आयी औऱ सब कुछ बदल दी।

दोस्तो आपने सुना होगा  कि कभी कभी गुच्छे की आखिरी चाभी भी ताला खोल देता है।

ये इस कहानी से साबित हो जाता है।

ये कहानी मैं खासकर उन लोगो तक पहुचाना चाहता हूँ ,जिनको  पहली ,दूसरी या एक से ज्यादा लड़की हो गयी हो।
वो लोग निराश हो कर कुछ लोग के गलत बहकावे में आकर अपने बच्ची को किसी मंदिर या  रेलवे स्टेशन पर छोड़ के  भाग जाते हैं।
और तो और आगे होने वाले दूसरे बच्चे को लड़की समझ कर गर्भ में  ही मार देते हैं।

लड़की लक्ष्मी का रूप होती है।पता नही कौन सी लड़की के जन्म के बाद आपका भी किस्मत का ताला खुले।

परंतु  आपलोगो से मैं क्षमा चाहता हूँ कि सबसे ऊपर जो मैं Title दिया हूँ  मेरा एक ही मकसद था कि आप इस कहानी तक पहुँचे।
और अपने मन से ये बाते निकाल कर फेंक दे।
लड़का पैदा हो या लड़की दोनो में कोई फर्क न करे।ईश्वर पर भरोसा रखें आपके भलाई के लिए वह सब कुछ अच्छा ही  करेगा।

                 मम इक्षा सर्ब नासे ।
                   दईब इक्षा प्रबले ।।

अर्थात मनुष्य का इक्षा सर्बनास की तरफ ले जाता है।
होता वही है जो भगवान की मर्जी होती है।

अगर आप इस बेटी बचाओ के कहानी के  साथ दिल से है।

तो आज इस कहानी को  इतना Share (शेयर) करिये कि जो लोग निराश हैं।उनके जीवन मे एक आशा की किरण संचारित हो।

इस कहानी को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

मेरे इस कहानी का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसी भी लड़की को जन्म से पहले उसके माँ के पेट मे नही मारे।
आप कदापि चिन्ता न करे।
वो जन्म लेगी तो  अपने साथ-साथ आपका भी भविष्य उज्जवल कर सकती है।

अगर आपके पास भी कोई सुझाव या इस प्रकार की देस -हित और जीवनशैली से जुड़ी हुई कोई कहानी या मुद्धा हो तो हमे जरूर बताएं।
मैं अपने ब्लॉग के जरिये   समाज को प्रेरित करने में आपका नाम भी publish करेंगे।
मेरा Email ID:-Dubeyjibihar99@gmail.com
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                                         आपका सुभचिंतक
                                            अखिलेश कुमार

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