निन्यानवे के चक्कर में खुशबू आना बंद हो गया

किसी गांव में एक सेठ जी थे।

बड़े ही धनवान थे।

बड़ा मकान था,दोनों मिया-बीबी साथ रहते थे
सेठानी को हर समय इस बात का तनाव रहता था।पास में एक गरीब की झोपड़ी थी।उसके घर कुछ न कुछ हलवा,खीर बनती रहती थी।उसकी सुगंध उसके पास आती थी।

सेठानी कहती: देखो जी आज फिर हलवा बन रहा है।कितनी खुशबू आ रही है।

रोज-रोज  यही होता है।

सेठ तंग हो गया था।एक दिन सेठ ने सोचा  की यह झंझट अब खत्म करना ही पड़ेगा ।उसने अपना दिमाग लगाया और कुछ (चिल्लर )पैसे घर में इकठा किया और एक थैले में बांधकर  उसके झोपड़ी में फेक दिया।

और वक्त का इंतज़ार करने लगा ।जब झोपडी वाला काम से घर पर आया तो देखा की एक थैली पड़ी थी ,,जब उसको खोला तो उसमे कुछ चिल्लर (पैसे) थे।उसने उसको गिना तो एक कम 100 रुपया था ,उसको बिस्वास नही हुआ तो फिर गिना।

उसको बार-बार गिना लेकिन वो तो निन्यानवे रूपये ही थे।

गिनने से सौ रूपये थोड़े बन जायेगा।उसने कहा की वो देनेवाले तूने रूपये तो दिए मगर एक कम दिया।देता तो सौ रूपये पूरा देता।उस समय सौ रुपया वाला भी पैसा वाला   आदमी हो   जाता था।

अब उसने अपने पत्नी से बोला की अगर हम एक रुपया जोड़कर इसे सौ रुपया पूरा कर दे।

 तो हमारे बच्चों को काम आएगा ।उसकी बात उसके पत्नी को अच्छा लगा वो राजी हो गयी ।

तब उन दोनों मिया बीबी ने एक रुपया इक्कठा करने के लिए रोज-रोज कुछ आना पैसे बचाना शुरू किया कुछ दिनों में एक रुपया पूरा हुआ और थैली में डाल दिया।

अब उनके पास सौ रूपये पुरे हो गए।

इसतरह  उनका साहस बढ़ गया और सोचने लगे ,की और थोड़ा जोड़े तो सौ से दो सौ हो जायेगा ।

बस फिर क्या था पड़ गए जोड़ने के चकर में।

हलवा,खीर सब बंद हो गया ।यही फ़िक्र लगा रहता की आज पैसा कैसे बचे।

निन्यानवे के चक्कर कुछ इस प्रकार लगा।

और दिन प्रति-दिन उनका सेहत पहले से खराब होता गया।

और एक दिन उसकी पत्नी बीमार हो गयी।उसने जितना पैसा जोड़ा था।सब के सब दवाई और डॉक्टर में खर्च हो गया।ऊपर से कर्ज भी हो गया।


सेठ ने सेठानी से बोला की क्यों जी अब आ रही  है खुशबू ।

सेठानी बोली नही जी अब तो नही आती ,क्या हुआ इनको?

सेठ बोला की सायद उनको भी निन्यानबे के  रोग  लग गया।

सेठ तो अपना मकसद में कामयाब हो गया।


                     :-शिक्षा-:

दोस्तो कभी -कभी  ये जोड़ने के चक्कर मे हम अपना सेहत को ध्यान नही देते हैं।
दुसरो के घर क्या होता  है इससे दूर रहना चाहिए।

आप सब से निवेदन है कि आप अपना और अपने परिवार के सेहत पर ध्यान रखे।

क्योंकि:- HEALTH IS WEALTH


  धन्यबाद ,नमस्कार ,प्रणाम।

मुझे उम्मीद है कि 
आपको ये कहानी अच्छी  लगी  होगी।

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