एक झूठ बोलने के लिए आपको छूट है।
इस कहानी से आपको बताऊंगा।
एक बार अकबर ने बीरवल की परीक्षा लेने की तैयारी पहले से कर रखी थी।
सबलोग इकट्ठे हो गए थे दरबार लगा हुआ था।
अब बीरवल आ गए ।और ये सोच में डूब गए की आज अकबर को हुआ क्या अचानक सभा लगा कर बैठ गए।तभी अकबर बोले की बीरबल आज तुम्हारी परीक्षा लूंगा की तुम हमेसा झूठ बोलते हो या सच।क्या तुम तैयार हो?
अब बीरबल को सब समझ में आ गया।
बीरबल बोले हाँ जी में तैयार हूँ।
अकबर अपने हाथ में एक तितली लिया था,
और बीरवल से बोला की बीरवल बताओ ये तितली जिन्दा है या मुर्दा?
बीरबल थोड़ा देर सोच में पड़ गए की अगर मै इसको जिन्दा बोलूंगा तो ये इसको मार कर ही दिखाएगा ,और मुर्दा बोलता हूँ तो ये जिन्दा तो दिखा देगा ।तो हारना हर हाल में निश्चित है।
तो क्यों नही मै झूठ ही बोल दू ,ताकि अकबर इसे जिन्दा दिखाने के लिए उड़ा देगा।इस प्रकार इस तितली की जान बच जायेगा।
और बीरबल बोला की हुजूर ये तो मरी हुई तितली है।और अकबर ने वही किया जो बीरबल सोचे थे।
तब अकवर भरी सभा में बीरबल को कहा की बीरबल तुम हार गए।तुमने झूठ बोला।
तब बीरबर ने जबाब दिया की किसी की जान बचाने के लिए ऐसी सौ झूठ बोलने के लिए तैयार हूँ।और सभा-विच तालिया बजने लगी।
इस प्रकार बीरबल हार कर भी जीत जाता है।
तो इस कहानी से हमे यही शिक्षा लेनी है।
कई बार कुछ अच्छा करने के लिए
हमे झूठ बोल देना चाहिए।
आपका दोस्त
अखिलेश कुमार।
मुझे बिस्वास है की ये कहानी आपको बहुत ही सुंदर
लगी होगी।आप कॉमेंट बॉक्स में अपना कॉमेंट जरूर दे।
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